चीन ने मसूद अज़हर के मामले पर सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव पर लगाई अपनी आपत्ति हटा ली है। इसके बाद मसूद अज़हर अब घोषित आतंकवादी है। चीन-भारत रिश्तों के लिहाज से यह महत्वपूर्ण घटना है साथ ही पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों पर भी इसका असर पड़ेगा। इमरान खान की हाल की चीन यात्रा के दौरान शी चिनफिंग ने इस बात की उम्मीद जाहिर की कि पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों में सुधार होगा। दक्षिण एशिया की प्रगति और विकास के लिए यह जरूरी भी है। दक्षिण एशिया के देशों के बीच सम्पर्क तबतक ठीक नहीं होगा, जबतक भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहतर नहीं होंगे। फरवरी में पुलवामा कांड के बाद चीन ने अपने उप विदेश मंत्री शुआनयू को पाकिस्तान भेजा था, ताकि तनाव बढ़ने न पाए। चीन को लेकर भारत में एक खास तरह की चिंता हमेशा रहती है। पकिस्तान के प्रति उसका झुकाव बी जाहिर है। क्या वह अपने इस झुकाव को कम करेगा? क्या वह संतुलन स्थापित करेगा? लोकसभा चुनाव के बाद ऐसे सवाल फिर से विमर्श का विषय बनेंगे।
इस बीच चीन ने अरबों डॉलर की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड परियोजना से बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक गलियारे को हटा दिया है। बीसीआईएम को हटाए जाने के कारणों के बारे में तत्काल कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन अप्रैल के अंतिम सप्ताह में आयोजित बेल्ट एंड रोड फोरम के दूसरे शिखर सम्मेलन में जारी सूची में जिन परियोजनाओं का जिक्र किया गया है, उनमें इस गलियारे का उल्लेख नहीं है। भारत ने बेल्ट एंड रोड के तहत बन रहे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का विरोध करते हुए इस कार्यक्रम से अपनी दूरी बना रखी है और इसके दूसरे सम्मेलन में भी उसने भाग नहीं लिया। अनुमान लगाया जा सकता है कि इस विरोध की खीझ में चीन ने बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक गलियारे (बीसीआईएम) को लिस्ट से बाहर कर दिया है।
इस बीच चीन ने अरबों डॉलर की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड परियोजना से बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक गलियारे को हटा दिया है। बीसीआईएम को हटाए जाने के कारणों के बारे में तत्काल कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन अप्रैल के अंतिम सप्ताह में आयोजित बेल्ट एंड रोड फोरम के दूसरे शिखर सम्मेलन में जारी सूची में जिन परियोजनाओं का जिक्र किया गया है, उनमें इस गलियारे का उल्लेख नहीं है। भारत ने बेल्ट एंड रोड के तहत बन रहे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का विरोध करते हुए इस कार्यक्रम से अपनी दूरी बना रखी है और इसके दूसरे सम्मेलन में भी उसने भाग नहीं लिया। अनुमान लगाया जा सकता है कि इस विरोध की खीझ में चीन ने बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक गलियारे (बीसीआईएम) को लिस्ट से बाहर कर दिया है।