पश्चिम
एशिया में इसरायल के बाद सऊदी अरब ऐसा देश है, जिसे अमेरिका का सबसे करीबी माना
जाता है। पर इधर पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या की जुड़ती कड़ियों के कारण कई तरह
के असमंजस उसके सामने खड़े हो रहे हैं। पिछले हफ्ते सीआईए की एक रिपोर्ट में कहा
गया कि इस हत्या की जानकारी सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान को थी। ट्रम्प
प्रशासन ने इस रिपोर्ट की अनदेखी कर दी है, पर मामला दब नहीं रहा है। सीनेट की
विदेश सम्बंध समिति के अध्यक्ष बॉब कॉर्कर ने अपने ट्वीट में कहा है, ‘इस हत्या के आरोप में क्राउन प्रिंस
किसी को मौत की सज़ा दें, उसके पहले ट्रम्प प्रशासन को अपनी राय व्यक्त करनी चाहिए।’
इतना
ही नहीं सीनेटर एड मार्की ने ट्रम्प प्रशासन से माँग की है कि सऊदी अरब के साथ सिविल
न्यूक्लियर सहयोग की वार्ता बंद करें और उसे नाभिकीय रिएक्टर बेचने की योजना पर
रोक लगाएं। व्यक्तिगत रूप से ट्रम्प के सऊदी राजघराने से अच्छे रिश्ते हैं। अमेरिका
ने सऊदी नीतियों की आलोचना नहीं की है, पर अमेरिका की संसद यमन में सऊदी सैनिक
हस्तक्षेप और अब खाशोज्जी की हत्या के सवाल पर परोक्ष रूप से अपनी चिंता व्यक्त कर
रही है।