शनिवार, 1 दिसंबर 2018

ब्रेक्जिट का अंतिम दौर, इधर कुआँ, उधर खाई


यूरोपीय संघ के सदस्यों ने रविवार 25 नवम्बर को ब्रेक्जिट समझौते को मंजूरी दे दी। करीब 20 महीने के विचार-विमर्श के बाद हुए इस समझौते को ईयू के 27 नेताओं ने इस संक्षिप्त बैठक में स्वीकार कर लिया। बेशक यह समझौता ईयू ने स्वीकार कर लिया है, पर ब्रिटिश संसद से इसकी पुष्टि अब सबसे बड़ा काम है। युनाइटेड किंगडम की संसद इस प्रस्ताव पर 5 दिसम्बर से विचार-विमर्श शुरू करेगी और 11 को वोट से फैसला करेगी। लेबर, लिबरल-डेमोक्रेटिक, स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी), डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) और टेरेसा में की अपनी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों ने पहले से घोषणा कर दी है कि हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।

कंजर्वेटिव पार्टी के ऐसे सांसदों की संख्या ही 70-80 बताई जा रहा है। इनमें से काफी ऐसे हैं, जो टेरेसा में को प्रधानमंत्री पद से हटाना चाहते हैं। ऐसा है तो यह प्रस्ताव संसद से पास नहीं हो पाएगा। उधर ईयू के नेताओं ने आगाह कर दिया है कि यदि इसे संसद स्वीकार नहीं करेगी, तो हम किसी नए समझौते की पेशकश नहीं करेंगे। टेरेसा में ने भी कहा है कि कोई दूसरा समझौता नहीं। हालत यह है ईयू छोड़ने का समर्थन करने वाले भी नाराज हैं और जो ईयू में रहना चाहते हैं, उन्हें लग रहा है कि आखिरकार यह प्रस्ताव संसद से खारिज होगा, जो ब्रेक्जिट भी अंततः खारिज हो जाएगा। कुछ को लगता है कि बगैर समझौते के हटना अच्छा है, क्योंकि न तो पैसा देना पड़ेगा और न कोई जिम्मेदारी होगी। वे नहीं समझ पा रहे हैं कि उस स्थिति में जो अराजकता पैदा होगी, उसके आर्थिक निहितार्थ हैं।


खारिज हुआ तो क्या होगा?

इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है कि संसद ने इसे स्वीकार नहीं किया तो क्या होगा? कुछ लोगों का कहना है कि यदि संसद इसे अस्वीकार कर दे, तो ईयू के साथ दूसरे समझौते पर बात होनी चाहिए या एक और जनमत संग्रह होना चाहिए। दोनों ही कयास हैं। अलबत्ता इतना साफ है कि संसद से स्वीकृति मिलने के बाद भी इस समझौते को बगैर किसी दिक्कत के लागू करवाना मुश्किल काम होगा। दोनों के बीच कई तरह के समझौते होंगे, जिनमें बरसों लगेंगे। पिछले चार दशक में दोनों के बीच इतनी गहरी एकता स्थापित हो चुकी है कि उसे अलग करना भी आसान नहीं होगा। ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरेसा में ने इस मौके पर ब्रसल्स में कहा, ब्रेक्जिट के पक्ष में या विरोध में वोट करने वालों को भी अब इस समझौते को लागू कराने में एकजुट होना चाहिए, क्योंकि यह ब्रिटेन की समृद्धि के लिए जरूरी है। हमें अब ब्रेक्जिट के गुण-दोषों पर बहस करके अपनी ऊर्जा को नष्ट नहीं करना चाहिए।  

ब्रसेल्स में हुए संवाददाता सम्मेलन में टेरेसा में ने कहा, इस समझौते की तमाम बातों के अलावा कुछ बातें स्पष्ट हैं। एक, आवागमन की स्वतंत्रता पूरी तरह सबके लिए समाप्त हो जाएगी। दो, यूके की सांविधानिक एकता की रक्षा होगी। तीन, हमारे देश में लोकतांत्रिक करे से चुने गए प्रतिनिधि जो कानून बनाएंगे और ब्रिटिश अदालतें जिनका अर्थ-ज्ञापित करेगी, वही लागू होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जिब्राल्टर यूके परिवार से अलग नहीं होगा। इस मसले पर स्पेन के साथ अंतिम क्षणों तक विवाद होता रहा। स्पेन के दक्षिण में स्थित यह छोटा सा इलाका सन 1713 की उट्रेख्ट संधि के बाद ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा बना था। रविवार को हुए इस फैसले में किसी प्रकार का मत-विभाजन नहीं हुआ था, क्योंकि ईयू के फैसले आम सहमति से होते हैं।

कैसे होगा विभाजन?

समझौते में यह बताया गया कि यूके और ईयू किस प्रकार अलग होंगे और अलग होने के बाद उनके रिश्ते किस प्रकार के रहेंगे। मसलन व्यापार और सुरक्षा के तौर-तरीके क्या होंगे। यूके की संसद इसे स्वीकार कर लेगी, तो मार्च 2019 में अलगाव के बाद ईयू के साथ व्यापार और सुरक्षा से जुड़े मामलों के लिए अलग से विमर्श करना होगा।

इस समझौते के तहत ब्रिटेन ने ईयू ब्लॉक के बजट के सिलसिले में अपनी प्रतिबद्धताओं की पूर्ति के लिए 50 अरब यूरो के भुगतान पर सहमति व्यक्त की है। इसके अलावा यूके अपने यहाँ रहने वाले ईयू के तकरीबन 30 लाख नागरिकों के कानूनी अधिकारों की रक्षा की गारंटी देगा। दूसरी तरफ ईयू देशों में रह रहे तकरीबन 13 लाख यूके के नागरिकों के अधिकारों की गारंटी दी जाएगी। समझौते में यह भी कहा गया है कि उत्तरी आयरलैंड (जो कि यूके का हिस्सा है) और आयरलैंड गणराज्य (जो कि ईयू का सदस्य है) के बीच फिर से कोई भौतिक सीमा नहीं खींची जाएगी। आयरलैंड के साथ भौतिक सीमा रेखा न खींचने का मतलब है कि संधिकाल गुजर जाने के बाद यूके अनंत काल तक ईयू के कस्टम्स दायरे में रहेगा। यानी कि सीमा-पार व्यापार पर टैक्स नहीं लगेगा। व्यापारी लोग इस प्रस्ताव पर खुश हैं, पर कट्टरपंथी ब्रेक्जिटवादी नाराज हैं। यह क्या बात हुई, हम अनंतकाल तक ईयू की कस्टम्स यूनियन में रहेंगे?

दुःख और विस्मय

ईयू परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने ट्विटर पर लिखा, ईयू-27 ने यूरोपीय संघ-ब्रिटेन के संबंधों के भविष्य पर राजनीतिक घोषणापत्र तथा निकलने का समझौते का समर्थन किया है। ईयू के मुख्यालय ब्रसेल्स में एक विशेष शिखर सम्मेलन के लिए पहुंचे, यूरोपीय संघ के अध्यक्ष जीन-क्लाउड जंकर ने कहा कि यह एक दुखद दिनहै। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन जैसे देश का यूरोपीय संघ को छोड़ना खुशी या जश्न का मौका नहीं है। ब्लॉक की ओर से समझौते पर बातचीत करने वाले फ्रांस के पूर्व विदेश मंत्री मिशेल बार्नियर ने कहा, हम साथी, सहयोगी और मित्र बने रहेंगे। ब्रिटेन अगले साल 29 मार्च को यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा, लेकिन 21 और महीनों के लिए उसके एकल बाजार में बना रहेगा।

30 मार्च, 2019 को यूके दिसम्बर 2020 तक के लिए एक स्टैंडस्टिल संधिकाल का समझौता करेगा। यानी कि तबतक ईयू के नियम लागू रहेंगे। यह समय दोनों पक्षों को सुरक्षा और व्यापार से जुड़े समझौते करने का मौका देगा। समझौते में कहा गया है कि इतने कम समय में ये समझौते करने में दिक्कत भी हो सकती है, इसलिए यह संधिकाल 2022 तक बढ़ाया भी जा सकता है।

टेरेसा में ने इस सिलसिले में देश के नाम पत्र लिखा है। उधर सरकार ने जबर्दस्त प्रचार शुरू किया है, जिसका उद्देश्य लोगों को बताना है कि यदि बगैर किसी समझौते के ब्रेक्जिट हुआ, तो किस प्रकार की दिक्कतें सामने आएंगी। कुल मिलाकर असमंजस की स्थिति है। 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...