राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और देश की संसद के बीच टकराव
के कारण अमेरिका की संघीय सरकार के कर्मचारियों का वेतन रुकने का खतरा पैदा हो गया
है। राष्ट्रपति ट्रम्प दक्षिण मैक्सिको के साथ लगी सीमा पर सैकड़ों किलोमीटर लम्बी
दीवार बनाने पर अड़े हैं और संसद उसके लिए धनराशि स्वीकृत करने को तैयार नहीं है।
उधर ट्रम्प ने धमकी दी है कि पैसा नहीं दिया गया तो मैं राष्ट्रीय आपातकाल की
घोषणा कर दूँगा। अमेरिकी क़ानून में प्रावधान है कि
राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में राष्ट्रपति को सैन्य परियोजनाओं का काम सीधे तौर
पर करने का अधिकार हासिल है। यह रक़म रक्षा मंत्रालय के बजट से आती है, जिसे
संसद की मंज़ूरी मिली होती है।
ट्रम्प
ने यह भी कहा है
कि यह शटडाउन मैं महीनों, बल्कि वर्षों तक चला सकता हूँ। यह कामबंदी पिछली 22
दिसम्बर से चल रही है। देश के संग्रहालयों और चिड़ियाघरों में ताले लग गए, क्योंकि
उनकी देखरेख और सफाई करने वाले कर्मचारी काम पर नहीं आए। अमेरिका के इतिहास में
सबसे लम्बा शटडाउन सन 1995 में 21 दिन तक चला था। इन पंक्तियों के प्रकाशित होने तक
संकट जारी था। लगता यह है कि यह संकट टल भी जाए तो आने वाले समय में फिर से कोई
संकट पैदा हो जाएगा।
पिछले साल हुए मध्यावधि चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के
बहुमत की खबर आने के बाद से ही समझ में आ गया था कि देश में अब सरकार और संसद के
बीच टकराव का दौर शुरू होगा। अंदेशा यह है कि यह टकराव अब किसी न किसी रूप में
चलता ही रहेगा। सरकार के इस आंशिक शटडाउन के कारण करीब 4,20,000 ऐसे सरकारी
कर्मचारियों का वेतन रुक गया है, जिनकी सेवाएं आवश्यक समझी जाती हैं। करीब
3,80,000 कर्मचारियों को बगैर-वेतन के छुट्टियों पर भेज दिया गया है।
ट्रम्प का कहना है कि यदि संसद पिछले दिसम्बर में पास
किए गए प्रस्ताव के अनुसार 5.7 अरब डॉलर की धनराशि स्वीकृत नहीं करेगी, तो मैं
सरकार के सारे काम रोक दूँगा। उधर डेमोक्रेटिक पार्टी का कहना है कि हमें
दस्तावेजी प्रमाण चाहिए कि दीवार बनाने के लिए 5.7 अरब डॉलर की धनराशि की जरूरत
है। अमेरिकी प्रशासन ने 234 मील लम्बी अतिरिक्त दीवार बनाने के लिए इस धनराशि की
माँग की है। इतना ही नहीं सरकार मैक्सिको की सीमा पर कड़ाई करने के लिए और बड़े
सरकारी अमले और पकड़े गए लोगों को रखने के लिए बंदीगृहों की माँग कर रही है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि मुझे कंक्रीट की नहीं इस्पात की दीवारें चाहिए।
ट्रम्प के
नए चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ मिक मुल्वेनी ने कहा है कि राष्ट्रपति कामबंदी को लम्बे समय तक
जारी रख सकते हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी दीवार के लिए फंड देने को तैयार नहीं हैं। वह इस दीवार को 'अनैतिक' बता
रही है। उसका कहना है कि
वर्तमान दीवारों और अवरोधों की मरम्मत तक तो बात ठीक है, पर पूरी तरह से नई
दीवारें खड़ी करने की जरूरत क्या है। इस
राजनीतिक तनातनी का खामियाजा पूरे अमरीका को भुगतना पड़ रहा है। करीब दो हफ़्ते से
ज़्यादा की कामबंदी ने पूरे देश को प्रभावित किया है।
अमेरिका
के दक्षिण में मैक्सिको के साथ लगी करीब 3,145 किलोमीटर लम्बी सीमा है। इस सीमा पर
नशे का अवैध कारोबार होता है और बड़ी संख्या में मैक्सिको की तरफ से लोग रोजगार के
लिए अमेरिका आते हैं। सीमा पर सन 1994 से बाड़ और दीवार सहित कई प्रकार के अवरोध
बनाए गए हैं। यह कोई एक दीवार नहीं है। इस दीवार को और पुख्ता बनाना राष्ट्रपति
ट्रम्प का बड़ा चुनावी वादा था। उन्होंने कहा था कि इस दीवार का ख़र्च ख़ुद
मैक्सिको उठाएगा, लेकिन मैक्सिको ने ख़र्च उठाने से इनकार कर दिया।
ट्रम्प
का कहना है कि हमें किसी भी हाल में दीवार बनानी ही होगी। ये हमारे देश की सुरक्षा
के लिए बेहद ज़रूरी है। हमारे पास इसका कोई विकल्प नहीं है। ये बहुत अहम युद्ध है, जिसे
हमें जीतना ही है। ख़बर ये भी है कि ट्रम्प के सलाहकार जैरेड कुशनर ने कहा है कि
हम दीवार की फंडिंग के बदले में डेमोक्रेट्स की युवा प्रवासियों से जुड़ी 'ड्रिमर्स' की
मांग को मान सकते हैं। ड्रिमर्स वे आप्रवासी हैं जो बचपन में अमेरिका में अवैध
तरीके से आए थे। डेमोक्रेट्स की मांग है कि उन्हें प्रत्यर्पित ना किया जाए, लेकिन
इस माँग के बदले में दीवार की फंडिंग को मंज़ूरी देने से डेमोक्रेट्स ने इनकार कर
दिया है।
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